आज के समय में हर किसी के पास Bank Account होना जरूरी है। चाहे व्यापार हो, FD या RD में निवेश करना हो, सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो या ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करना हो, बैंक खाता होना महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर आप अपने बैंक अकाउंट का लंबे समय तक उपयोग नहीं करते, तो यह अकाउंट डीएक्टिव हो सकता है।
RBI के नियमों के अनुसार, यदि किसी Bank Account में लगातार 2 साल तक कोई लेन-देन नहीं किया गया है, तो वह अकाउंट डीएक्टिव कर दिया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कब आपका अकाउंट डीएक्टिव हो सकता है, डीएक्टिवेट अकाउंट में जमा राशि का क्या होता है, और इसे फिर से एक्टिव कैसे कर सकते हैं।
Bank Account कब होता है Deactivate?
बैंक अकाउंट डीएक्टिव करने का मुख्य कारण यह है कि लंबे समय तक उपयोग न होने पर बैंक मान लेता है कि खाता धारक ने इसे बंद कर दिया है या इसमें अब कोई रुचि नहीं है। RBI के नियमों के अनुसार, अगर किसी बैंक अकाउंट से लगातार 730 दिनों, यानी 2 साल तक कोई लेन-देन नहीं किया जाता, तो वह अकाउंट डीएक्टिव हो जाता है। इस स्थिति में खाता धारक अकाउंट से किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं कर सकता।
डीएक्टिवेट अकाउंट का मतलब यह नहीं है कि खाते में जमा राशि चली जाती है। आपके खाते में जितनी भी राशि है, वह बरकरार रहती है और बैंक उस पर ब्याज भी देता रहता है। हालांकि, किसी भी प्रकार के लेन-देन (जैसे जमा या निकासी) के लिए खाते को पुनः सक्रिय (reactivate) करना आवश्यक है।
खाता स्थिति | समयावधि | प्रभाव |
सक्रिय (Active) | नियमित लेन-देन | लेन-देन संभव है |
डीएक्टिव (Deactivate) | 2 साल तक कोई लेन-देन नहीं | लेन-देन असंभव, लेकिन ब्याज मिलता रहेगा |
बैंक खाता को फिर से एक्टिवेट कैसे करें?
यदि आपका Bank Account डीएक्टिव हो गया है, तो उसे पुनः एक्टिव करने के लिए आपको कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
- सबसे पहले अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाएं, जहां आपका अकाउंट है।
- KYC (Know Your Customer) की प्रक्रिया को पूरी करना होगा। इसके तहत आपको बैंक में KYC फॉर्म जमा करना होगा।
- दो पासपोर्ट साइज़ फोटो, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसी पहचान पत्रों की कॉपी जमा करनी होगी।
- यदि खाता जॉइंट (संयुक्त) है, तो दोनों खाताधारकों को KYC डाक्यूमेंट्स जमा करने होंगे।
KYC पूरा होते ही आपका अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा और आप पहले की तरह सभी बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
क्या है एक्टिवेशन चार्ज?
डीएक्टिवेट Bank Account को फिर से एक्टिवेट करने के लिए बैंक कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लेता है। यह सुविधा ग्राहकों के लिए पूरी तरह से निशुल्क है। RBI के अनुसार, अगर आप डीएक्टिव खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं भी रखते हैं, तो भी बैंक कोई पेनल्टी नहीं लगाएगा। इसका मतलब है कि आप बिना किसी आर्थिक भार के अपने खाते को फिर से सक्रिय कर सकते हैं।
सेवा | चार्ज |
खाता एक्टिवेशन | कोई शुल्क नहीं |
मिनिमम बैलेंस का अभाव | कोई पेनल्टी नहीं |
अकाउंट डीएक्टिव होने के क्या नुकसान हैं?
डीएक्टिव Bank Account में मुख्य नुकसान यह होता है कि खाताधारक उसमें किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं कर सकता। खासतौर पर अगर कोई स्वचालित (automatic) भुगतान या ईएमआई आपके खाते से जुड़ी है, तो यह समस्या का कारण बन सकती है।
डीएक्टिवेट खाते में जमा राशि पर बैंक ब्याज देता रहता है, लेकिन खाताधारक इस पैसे को निकाल नहीं सकता। ऐसे में यदि आपका खाता डीएक्टिव हो चुका है, तो इसे पुनः सक्रिय करवाना ही बेहतर होता है।
अकाउंट डीएक्टिव न होने के लिए क्या करें?
यदि आप अपने Bank Account को सक्रिय रखना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप उसमें नियमित लेन-देन करते रहें। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- खाते में हर महीने या तीन महीने में एक बार कोई छोटा सा लेन-देन कर दें। इससे खाता सक्रिय बना रहेगा।
- यदि आप बैंक शाखा में नहीं जा सकते, तो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करके किसी छोटी राशि का लेन-देन कर सकते हैं।
- किसी बिल या ईएमआई के स्वचालित भुगतान की सुविधा को खाते से जोड़ सकते हैं। इससे आपके खाते में नियमित रूप से लेन-देन होता रहेगा।
अकाउंट डीएक्टिव होने पर क्या अकाउंट बंद कर दिया जाता है?
यह जरूरी नहीं है कि Bank Account डीएक्टिव होने के बाद बैंक खाता बंद कर दे। आपका खाता डीएक्टिव तो हो सकता है, लेकिन बैंक इसे बंद नहीं करता। खाते में जितनी भी राशि है, वह सुरक्षित रहती है, और खाताधारक जब चाहे उसे पुनः सक्रिय करवा सकता है।
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