भारत के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन Ratan Tata का हाल ही में 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्ति का उत्तराधिकार किसे मिलेगा, इस पर लोगों की काफी उत्सुकता थी। हाल ही में उनकी वसीयत का खुलासा हुआ है, जिसमें उनके सहयोगियों, परिवार के सदस्यों, हाउस स्टाफ और यहां तक कि उनके प्यारे डॉग टीटो का भी ध्यान रखा गया है।
Ratan Tata ने अपने जीवनकाल में हमेशा दूसरों का ख्याल रखा, और उनकी वसीयत से यह बात फिर साबित होती है। उनकी 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में कई लोगों को हिस्सेदार बनाया गया है। आइए जानते हैं, किसे क्या मिला है और रतन टाटा ने कैसे अपने प्रियजनों और करीबियों का ध्यान रखा।
Ratan Tata की संपत्ति का वितरण
रतन टाटा की संपत्ति का अधिकांश हिस्सा उनके करीबी लोगों और स्टाफ के नाम किया गया है। इसमें उनके भाई जिमी टाटा, सौतेली बहन शिरीन और डिएना जीजीभॉय का भी नाम शामिल है। इसके अलावा उन्होंने अपने चैरिटेबल फाउंडेशन और ट्रस्ट के लिए भी बड़ी संपत्ति छोड़ी है।
शांतनु नायडू को मिली खास जिम्मेदारी
Ratan Tata के करीबी सहयोगी शांतनु नायडू को उनकी वसीयत में खास तौर पर जगह दी गई है। शांतनु टाटा के आरएनटी कार्यालय में महाप्रबंधक (जनरल मैनेजर) के पद पर हैं और उनका वेंचर, “गुडफेलो” 2022 में शुरू किया गया था। रतन टाटा ने इस वेंचर में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है, ताकि यह भविष्य में भी सफलतापूर्वक चल सके। इसके अलावा, रतन टाटा ने शांतनु नायडू की शिक्षा के लिए लिए गए लोन को भी माफ कर दिया है।
शांतनु नायडू को यह सम्मान Ratan Tata के लिए उनके समर्पण और ईमानदारी की वजह से मिला है। शांतनु का परिवार पीढ़ियों से टाटा समूह से जुड़ा हुआ है, और वह टाटा समूह में कार्यरत अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी का हिस्सा हैं। शांतनु को टाटा के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान मिला था, और यही कारण है कि Ratan Tata ने उन्हें अपनी संपत्ति में हिस्सेदार बनाया।
संपत्ति में अन्य संपत्तियां
Ratan Tata के पास विभिन्न प्रकार की संपत्तियां थीं, जिनका विवरण निम्नलिखित है:
संपत्ति | विवरण |
---|---|
कुल संपत्ति | करीब 10,000 करोड़ रुपये |
अलीबाग का बंगला | 2,000 वर्ग फुट का विशाल घर |
मुंबई का मकान | जुहू में दो मंजिला घर |
एफडी (Fixed Deposit) | करीब 350 करोड़ रुपये |
टाटा संस में हिस्सेदारी | 0.83% |
वाहन | 20 से 30 गाड़ियां |
Ratan Tata की वसीयत के अनुसार, इन संपत्तियों को उनके परिवार और चैरिटेबल फाउंडेशन में बांटा जाएगा।
चैरिटेबल ट्रस्ट्स और टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन
Ratan Tata की वसीयत में टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट्स का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने अपने चैरिटेबल ट्रस्ट्स के शेयरों को “रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF)” में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया। टाटा समूह में यह परंपरा रही है कि संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा के कार्यों में लगाया जाए, और रतन टाटा ने इस परंपरा का पूरा सम्मान किया।
हाउस स्टाफ और प्यारे डॉग “टीटो” का ख्याल
Ratan Tata का अपने हाउस स्टाफ और प्यारे डॉग टीटो के प्रति लगाव उनकी वसीयत में साफ झलकता है। उनके रसोइए राजन शॉ को टीटो की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और इसके लिए एक अच्छी खासी रकम भी छोड़ी गई है। टीटो, एक जर्मन शेफर्ड डॉग, जिसे रतन टाटा ने कुछ महीने पहले ही गोद लिया था, उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया था।
इसके अलावा, रतन टाटा ने अपने वफादार बटलर सुब्बैया के लिए भी संपत्ति का एक हिस्सा छोड़ा है। सुब्बैया लंबे समय से रतन टाटा के साथ जुड़े रहे हैं, और टाटा ने उनके प्रति अपनी कृतज्ञता को इस वसीयत के माध्यम से व्यक्त किया है।
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